Rahim Ke Dohe Questions & Answers रहीम के दोहे प्रश्न और उत्तर

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पिछले पोस्ट में मैंने Rahim Ke Dohe Ke Arth शेयर किए हैं तो आप उसे भी चेक कर सकते हैं।

Rahim Ke Dohe Questions & Answers रहीम के दोहे प्रश्न और उत्तर

शब्दार्थ

  • मीत – साथी
  • साँचे – सच्चा
  • रीत – तरीका
  • संचहि – इकट्ठा करना
  • मोल – कीमत

प्रश्न 1: कवि ने तरुवर और सरोवर में क्या समानता बताई है?

उत्तर: जिस प्रकार वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते और सरोवर स्वयं अपना पानी नहीं पीता उसी तरह अच्छे और सज्जन व्यक्ति वे हैं जो अपनी संपत्ति दूसरों की भलाई के लिए संचित करते हैं।

प्रश्न 2: रहीम किसे सौ बार मनाने की बात कह रहे हैं?

उत्तर: रहीम जो रूठ गए हैं उन्हें सौ बार मनाने की बात कह रहे हैं।

प्रश्न 3: रहीम के अनुसार अगर कोई मोती की माला टूट जाए तो उसे क्या करना चाहिए?

उत्तर: रहीम के अनुसार अगर कोई मोती की माला टूट जाए तो उसे बार-बार धागे में पिरोना चाहिए।

प्रश्न 4: रहीम के अनुसार अपनी बड़ाई स्वयं क्यों नहीं करनी चाहिए?

उत्तर: रहीम कहते हैं कि जो सचमुच बड़े होते हैं, वे अपनी बड़ाई नहीं किया करते, बड़े-बड़े बोल नहीं बोला करते। हीरा कभी नहीं कहता है कि उसका मोल लाख टके का है। मूल्यवान वस्तुओं की कीमत अपने आप ही हो जाती है।

प्रश्न 5: रहीम ने किस धागे को सँभालने के लिए कहा है?

उत्तर: रहीम ने प्रेम के धागे को सँभालने के लिए कहा है।

Rahim Ke Dohe Questions & Answers रहीम के दोहे प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 6: उपकारी के संग रहने से व्यक्ति को किस तरह यश प्राप्त होता है?

उत्तर: रहीम कहते हैं वे मनुष्य धन्य हैं जिनके अंग दूसरों की भलाई करते हैं। जैसे मेहंदी का रंग बाँटनेवाले को अपने आप ही लग जाता है, उसी प्रकार दूसरों की भलाई करनेवाले का भला स्वयं ही हो जाता है। परोपकार करने वाले के संग रहने से व्यक्ति को अपने आप यश प्राप्त हो जाता है।

प्रश्न 7: दी गई पंक्तियों का एक उदाहरण देकर अर्थ स्पष्ट कीजिए। 
“रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय।
टूटे ते फिर न जुरै, जुरै गाँठ परि जाय।।”

उत्तर: रहीम कहते हैं कि प्रेम का नाता नाज़ुक होता है। इसे झटका देकर तोड़ना उचित नहीं होता। यदि यह प्रेम का धागा एक बार टूट जाता है तो फिर इसे मिलाना कठिन हो जाता है और यदि मिल भी जाए तो टूटे हुए धागों के बीच में गाँठ पड़ जाती है।

हमें सभी रिश्तों को संभालकर रखना चाहिए क्योंकि प्रेम के धागे की तरह रिश्ते भी बहुत ही नाज़ुक होते हैं और एक बार टूटने पर इसमें गाँठ पड़ जाती है। फिर चाहे हम जितनी कोशिश कर लें वह गाँठ रिश्तों में दरार पैदा कर देती है।

प्रश्न 8: रहीम के अनुसार कौन मरे हुए व्यक्ति के समान है?

उत्तर: रहीम कहते हैं जो व्यक्ति किसी से कुछ माँगने के लिए जाता है वो तो मरे हुए हैं क्योंकि उनका आत्मसम्मान मर चुका होता है परंतु उनसे भी पहले वे लोग मर जाते हैं जिनके मुँह से नहीं निकलता है।

माँगनेवाला व्यक्ति तो पहले से ही मरा हुआ होता है पर उससे भी पहले वह व्यक्ति मर जाता है, जिसके पास माँगनेवाला व्यक्ति आता है और सामान होने के बावजूद दूसरे व्यक्ति के मुख से नहीं है जैसा वाक्य निकलता है।

प्रश्न 9: रूठे सुजन मनाइए टूटे मुक्ताहार।।पंक्ति का भावार्थ लगभग 100 शब्दों में समझाइए।

उत्तर: प्रस्तुत दोहे में रहीम ने एकता की भावना का वर्णन किया है। वे कहते हैं कि अगर आपका कोई ख़ास सखा या रिश्तेदार आपसे नाराज़ हो गया है तो उसे मनाना चाहिए। अगर वो सौ बार रूठे तो सौ बार मनाना चाहिए क्योंकि रिश्ते मोती की भाँति ही कीमती होते हैं। कोई मोती की माला टूट जाती है तो सभी मोतियों को फिर से एकत्र कर उसे वापस धागे में पिरोया जाता है। रहीम के अनुसार इसी प्रकार का व्यवहार मनुष्य को अपने दोस्तों या परिवारजनों के साथ करना चाहिए। सभी रिश्तों को एक माला की तरह जोड़कर रखना चाहिए।

तो ये थे Rahim Ke Dohe Questions & Answers रहीम के दोहे प्रश्न और उत्तर।

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